नई दिल्ली । विदेशी वाजारों में यात्री, दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों की मजबूत मांग के कारण वीते वित्त वर्ष (2024-25) में भारत का कुल वाहन निर्यात 19 प्रतिशत बढ़कर 53 लाख इकाई से अधिक रहा है। वीते वित्त वर्ष में कुल वाहन निर्यात 53.63 लाख (53,63,089 ) इकाई रहा, जवकि 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष यह 45 लाख (45,00,494) इकाई था । सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोवाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने यह जानकारी दी है।
पिछले वित्त वर्ष में यात्री वाहनों का निर्यात 15 प्रतिशत वढ़कर 7,70,364 इकाई हो गया, जबकि 2023-24 में यह 6,72,105 इकाई था। उद्योग निकाय सियाम ने कहा कि भारत में वनने वाले वैश्विक मॉडल की मांग के कारण इस खंड ने पिछले वित्त वर्ष में अपना सर्वश्रेष्ठ वार्षिक प्रदर्शन दर्ज किया।
सियाम ने कहा कि विनिर्माण गुणवत्ता में सुधार के साथ, कुछ कंपनियों ने विकसित वाजारों में निर्यात भी शुरू कर दिया है। यूटिलिटी वाहनों के निर्यात में भी उल्लेखनीय वढ़ोतरी हुई और यह 3,62,160 इकाई रहा। वित्त वर्ष 2023-24 के 2,34,720 इकाई की तुलना में यह 54 प्रतिशत की वृद्धि है।
पिछले वित्त वर्ष में दोपहिया वाहनों का निर्यात 21 प्रतिशत वढ़कर 41,98,403 इकाई रहा, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 34,58,416 इकाई था । सियाम ने कहा कि नए मॉडल और नए बाजारों ने दोपहिया वाहनों के निर्यात के दायरे को बढ़ाने में मदद की है। इसके अलावा अफ्रीकी क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता और लातिनी अमेरिका में मांग ने इस वृद्धि को समर्थन दिया है।
वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 2024-25 में तिपहिया वाहनों के निर्यात में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 3.1 लाख इकाई रहा। पिछले वित्त वर्ष में वाणिज्यिक
वाहनों का निर्यात 23 प्रतिशत वढ़कर 80,986 इकाई रहा, जवकि इससे पिछले साल यह 65,818 इकाई था।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन ने कहा कि अफ्रीका और पड़ोसी देशों जैसे प्रमुख वाजारों में निर्यात मांग जारी रहने की संभावना है, क्योंकि ‘मेड इन इंडिया’ वाहनों की पहुंच बढ़ रही है। सियाम के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘नियत के मोर्चे पर सभी क्षेत्रों, खासकर यात्री वाहनों और दोपहिया वाहनों में अच्छा पुनरुद्धार देखा गया, जो वैश्विक मांग में सुधार और भारत की बढ़ती प्रतिस्पर्धी क्षमता को दर्शाता है ।’
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